आज में जी भर जी लो तुम ,
आज के जाम से साकी पी लो तुम ll
कल हो न हो ये महफ़िल ,
जो कहना है आज कह लो तुम ll
कल पे क्यों छोड़े हो ,
आज में ही जी भर जी लो तुम ll
ये रंगिनिया है तेर लिए ,
आ जरा रंग जा इन में ll
कल किसने देखा है ,
आज की खिली सुबह का मजा ले तू ,
कल की फिकर छोड़,
आज में ही जी ले तू ll
ये साकी ये जाम तेरे लिए ,
आज जी भर ख़ुशी के घूंट पी ले तू ll
कुछ इस तरह जी तू आज ,
कल जब न हो तू ,
महफ़िल में तेरी सदा हो
हर दिल की धड़कन में तेरी आहट हो ll
आज की हर रोशनी में नहा ले तू ,
आज जिन्दगी को महबूब की तरह गले लगा ले तू ll
न बीते कल का फिकर कर
उस की हर सीख़ को.आज आजमा ले तू ll
कल की फिकर छोड़ उस पर ,
आज को अपना मुकदर बना ले तू ll
कुछ इस तरह जी आज
कल की हवाओ में तेरी खुशबु बस जाये ll
जब कोई दुखी हो तेरी आवाज
उस क लिए 'मीत ' द्वा बन जाये ll
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by meet brar
आज के जाम से साकी पी लो तुम ll
कल हो न हो ये महफ़िल ,
जो कहना है आज कह लो तुम ll
कल पे क्यों छोड़े हो ,
आज में ही जी भर जी लो तुम ll
ये रंगिनिया है तेर लिए ,
आ जरा रंग जा इन में ll
कल किसने देखा है ,
आज की खिली सुबह का मजा ले तू ,
कल की फिकर छोड़,
आज में ही जी ले तू ll
ये साकी ये जाम तेरे लिए ,
आज जी भर ख़ुशी के घूंट पी ले तू ll
कुछ इस तरह जी तू आज ,
कल जब न हो तू ,
महफ़िल में तेरी सदा हो
हर दिल की धड़कन में तेरी आहट हो ll
आज की हर रोशनी में नहा ले तू ,
आज जिन्दगी को महबूब की तरह गले लगा ले तू ll
न बीते कल का फिकर कर
उस की हर सीख़ को.आज आजमा ले तू ll
कल की फिकर छोड़ उस पर ,
आज को अपना मुकदर बना ले तू ll
कुछ इस तरह जी आज
कल की हवाओ में तेरी खुशबु बस जाये ll
जब कोई दुखी हो तेरी आवाज
उस क लिए 'मीत ' द्वा बन जाये ll
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by meet brar
बहुत सुन्दर रचना ,बधाई.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें.