mere papa ,सर्दियों की कुनकुनी धूप से...
गर्मी में हवा, के ठण्डे झोंके
मुंह से नही, आँखों से बतियाते
कुछ नही कह कर ,बहुत कुछ कह जाते
mere papa, सर्दियों की कुनकुनी धूप से
कुछ प्यारे ,पर दुनिया से न्यारे
mere papa,गलती करू तो आँखे दिखाते
मगर बीमार होऊ तो रात-रात भर
जाग कर दावा पिलाते papa
खुद से ज्यादा फिकर करते है मेरी
mere papa, मै कुछ कहू उस से पहले
ही समझ जाते,बिना मांगे सब ला
देते mere papa,सर्दियों में कुनकुनी
धूप से mere papa..........
mere papa के लिए "fathers day " पर mere दिल का एक अहसास बस........
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