बलात्कार
एक विडम्बना
एक त्रासदी
एक अह्साहय
पीड़ा
अकह मानसिक संताप
अपने आप से अजनबीपन
अपने ही अस्तित्व के
वजूद में होने की पीड़ा
जिन्दा लाश को
ढ़ोने की मजबूरी
यह एक शब्द
एक लड़की
अस्तित्व की लड़ाई l
पर क्या?
बलात्कार
शरीर पर ही घटित
होने वाला
एक हादसा है l
शरीर के जख्म तो
भर भी जाये
पर मन का
क्या ?
क्या ?यह
अस्तित्व की लड़ाई
कुछ बदनसीब
औरतो तक सीमित है l
जिसे आंकड़ो में
दर्शाया जा सके
या सारी औरत जात
अभिशिप्त है इसके लिए l
हाँ यह अभिशाप है
औरत जात के लिए
और विश्व की
हर औरत
अपनी जिंदगी में
कभी ना कभी
इस हादसे से
गुजरने के लिए
अभिशप्त
वो शारीरिक
हादसे से
बच भी जाये
पर बलात्कार का
सार्थक अभिशाप तो
मानसिक स्तर पर
घटित होता है
यंहा वह
निगल जाता है
उसकी मासूमियत
ममत्व
निश्छल हंसी
और छोड़ जाता है
नफरत
चाहे वो उसके
खुद के वजूद से हो
या किसी और के l
that post not only for likes ih post ik usaru te sarthak muda chukan lai pai gai aa jo is te gaur kita ja sake .
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1.mansik balatkar ki aa?
2. te is wishaw di har aurat is abhishap nun sahin lai kyu abhishipt aa?
3.us ladki ke apradhio ko fansi pr latka dene pr us ladki ke dard kam ho jaate hai?